Thursday, January 02, 2025
Follow us on
ब्रेकिंग न्यूज़
-
हिमाचल

आनी के  ग्रामीण क्षेत्रों में 15 पोष की रात्रि को कद्दू खाने की परंपरा आज भी कायम

-
ब्यूरो हिमालयन अपडेट | December 30, 2024 05:28 PM
 
 
आनी   
 
हिमाचल प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसी कई प्राचीन परंपराएं आज भी कायम हैंण् जिनका प्रचलन हमारे पूर्वजों द्वारा वर्षों पहले किया जाता था। इन्हीं परंपराओं में पंद्रह पोष की रात्रि को भाप में पके मीठे कद्दू को खाने की परंपरा भी हैण् जिसका निर्वहन आनी के ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों द्वारा आज भी किया जा रहा है। 15 पोष की रात्रि को कद्दू खाने की परम्परा के पीछे क्या हैण् इसके बारे में यहाँ के बड़े बुजुर्ग बताते हैं कि वर्ष में 15 पोष की रात्रि की समय अवधि सबसे लम्बी होती है। ऐसे में लम्बी रात्रि के समय को व्यतीत करने के लिए अमुक परिवार के सदस्य रात्रि में कई तरह के  पकबान बनाए जाते हैंण् जिनमें फ्लाऊला और सरयाली जैसे व्यंजन प्रमुख हैं। जबकि कद्दू इनमें विशेषतौर पर बनाया जाता हैं। कहते हैं कि कद्दू खाने से जहाँ वात उदर की बिमारियाँ दूर होती है  वहीं कद्दू का गुण शीत होता हैण् जिससे 15 पोष की लम्बी रात्रि में भावयुक्त कद्दू खाने से नींद पर नियंत्रण रह सके और बड़े बुजुर्गों से कथा कहानियों के माध्यम से दीर्घ कालीन रात्रि का समय आसानी से व्यतीत हो सके। इस रात्रि में बीथू भी खाते हैं जो शरीर में उष्णता बनाए रखता है और इससे शरीर में सर्द गर्म की समता बनी रहती है। 
-
-
Have something to say? Post your comment
-
और हिमाचल खबरें
30 और 31 दिसम्बर को आयोजित राजस्व अदालतों में निपटाए गए 1372 मामले- उपायुक्त बाल कल्याण एवं बाल संरक्षण के लिए सामूहिक प्रयास आवश्यक - मनमोहन शर्मा खेलों इंडिया के खिलाडियों को प्रदेश सरकार द्वारा डाईट मनी और अन्य भत्ते जारी न करने पर खिलाडियों में भारी रोष धनेटा के कई गांवों में 3 से 10 तक प्रभावित रहेगी बिजली की आपूर्ति इस दिन होगी बचत भवन के विश्राम गृह, दुकान और पार्किंग के कमरे की नीलामी विधायक संजय अवस्थी द्वारा 2 जनवरी, 2025 को शिमला से जारी प्रेस वक्तव्य उपायुक्त ने सड़क सुरक्षा को लेकर दिलाई शपथ  मुख्यमंत्री ने चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट के पहले दल को 13 दिवसीय भ्रमण पर किया रवाना पंजाब के राज्यपाल ने मुख्यमंत्री से भेंट की पंजाब के राज्यपाल ने शिव प्रताप शुक्ल से की भेंट
-
-
Total Visitor : 1,70,21,508
Copyright © 2017, Himalayan Update, All rights reserved. Terms & Conditions Privacy Policy